कानून

 "तेरी इतनी हिम्मत बुढ़िया , मुझसे ऊंची आवाज़ में बात करेगी!! रुक अभी बताती हूं तुझे , ना तुझे और तेरे घर वालों को खून के आंसू रुलाए... तो मेरा नाम अनाया नहीं l "

अपनी सास का हाथ मोड़ते हुए अनाया बोली l

"आ sss , बहु छोड़ ,मुझे बहुत दर्द हो रहा है l क्या बिगाड़ा है हमने तेरा जो तू हमसे एसा बर्ताव करती है !!

" बुढ़िया, तुझे कितनी बार तो बताया है कि तेरे बेटे मयंक से मेरी शादी मेरे माँ बाप ने मेरी मर्ज़ी के खिलाफ़ करवाई थी l मैं तो राजीव को पसंद करती हूं l मैने घर वालों के दबाव में आकर  शादी तो कर ली लेकिन  उसी दिन कसम भी खाली थी कि तुम लोगों को चैन से नहीं रहने दूंगी l अब देखना मैं कैसे तुम सबको झूठे दहेज के केस में जेल की हवा खिलाती हूं l

मेरे माँ बाप को भी मैंने अंधेरे में रखा है ,ये बोल के कि तुम लोग मुझे दहेज के लिए मारते पीटते हो l  अब तुम्हारे जेल जाने के बाद ,वो मेरी शादी खुशी खुशी राजीव  से कर देंगे और तुम लोग जेल में चक्की पीसते रहना l

" बिल्कुल चक्की तो ज़रूर पीसनी पड़ेगी,  पर हमें नहीं तुम्हें l"

तभी कमरे में दाखिल होते हुए मयंक बोला l

" क्या मतलब तुम्हारा ? हाहाहा तुम मुझे जेल भिजवाओगे!! अरे मूर्ख हो तुम.. हमारी कानून व्यवसथा का तो तुम्हें पता ही है l हम औरतों के हक में कितने ही कानून बने है l अमूमन कोर्ट केस में  98% औरतों के हक में ही फैसला होता है l आज कल मर्दों की सुनता कौन है ? तुम्हारी भी कोई नहीं सुनेगा l इसलिए मैं नहीं डरती तुमसे समझे "

अनाया बेशर्मी से हंसते हुई बोली l

" सही कहा तुमने अनाया l मेरी शायद कोई नहीं सुनेगा l लेकिन इस बार मैं सबको सुनाऊंगा नहीं , ब्लकि दिखाऊंगा ,ये वीडियो, जो अभी अभी छुप कर मैंने बनाई है l जिसमें तुमनें खुद कबूल किया है कि तुम हमें झूठे केस में जेल भेजना चाहती हो l

बहुत खून के आंसू रुलाए हैं तुमने  हमे l अब रोने की बारी तुम्हारी  है l"

कहता हुआ मयंक एक  दृढ़  निश्चय  के  साथ अपनी माँ के साथ पुलिस स्टेशन की ओर निकल गया l

स्वरचित

ऋचा उनियाल बौंठियाल


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