इश्क का भूत

 सलीम अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था पढ़ा-लिखा समझदार बेहद सलीकेदार था जवानी में अक्सर लोगों को इश्क का भूत सवार हो ही जाता है इन जनाब को भी इश्क का भूत लग गया लेकिन लड़कियों के सामने इनकी बोलती बंद हो जाती कुछ बोल ही नहीं पाते लेकिन इश्क के भूत का क्या करें एक दिन सलीम की फूफी घर आई और बोली हम लोग हज करने के लिए मक्का मदीना जा रहे हैं इसलिए अपनी ननद की लड़की शाजिया को 1 महीने के लिए यहां छोड़े जा रही हूं शाजिया सलीम की हम उम्र थी गोरी चिट्टी छरहरी तीखे नैन नक्श जैसे संगमरमर की मूरत हो सलीम तो देखता ही रह गया शाजिया ने सलीम की अम्मी के साथ घर के कामों में हाथ बटाते-बटाते कब उनका दिल जीत लिया पता ही नहीं चला वे मन ही मन सोचने लगी कि उन लोगों के हज से लौटने के बाद सलीम के निकाह के लिए शाजिया के घर पैगाम भिजवा आएगी सलीम भी यही सोच रहा था लेकिन शाजिया से बहुत कम बात हो पाती थी दिन भर ऑफिस और घर आकर भी ऑफिस के कामों में उलझा रहता एक महीना जल्द ही खत्म हो गया शाजिया अपने घर चली गई सलीम की अम्मी ने उसके अब्बा से बात कर शाजिया के घर शादी का पैगाम भिजवाया शाजिया के घरवालों ने पैगाम खुशी-खुशी कबूल कर लिया सलीम का निकाह शाजिया के साथ हो गया लेकिन इश्क का भूत सलीम के सिर से नहीं उतरा शादी के बाद उसने शाजिया से कहा हमें ऐसे निकाह नहीं करना था हमें वह पहले इश्क करना था छुप-छुपकर मिलना था फिर निकाह करना था शाजिया ने कहा इसमें क्या है हम अभी भी ऐसा कर सकते हैं सलीम ने कहा वह कैसे उसने कहा हम दोनों कहीं बाहर मिलेंगे जैसे हमारा निकाह नहीं हुआ हो ऐसे ठीक है सलीम ने मिलने की जगह एक पब्लिक गार्डन में थे कि वह ऑफिस जाने का बहाना करके घर से चला गया आधे घंटे बाद शाजिया भी तैयार होकर कुछ सामान खरीदने के लिए निकल गई दोनों गार्डन में मिले दोनों बातें कर रहे थे सलीम ने शाजिया का हाथ पकड़ रखा था इतने में कुछ पुलिस वाले आए और जोड़ी में बैठे कुछ लड़के लड़कियों को डांटने फटकारने लगे कुछ लड़कों को तो डंडे से मारने भी लगे यह देखकर सलीम घबरा गया उसने बहुत कहा कि शाजिया उसकी बीवी है उनका निकाह हो चुका है लेकिन पुलिस वाले मानने को तैयार नहीं हुए उन्होंने उन आवारा लड़कों के साथ सलीम को भी पकड़कर थाने ले जाकर बंद कर दिया और शाजिया को एक पुलिस वाली के साथ घर भिजवा दिया अब सलीम खान थाने में बैठा सोच रहा था यह इश्क का भूत हमें थाने पहुंचा देगा यह तो सोचा ही नहीं सच में इश्क का भूत बुरा है इधर सा शाजिया ने रोते हुए सारी बात घर में बताई तो अम्मी अब्बू जोर से हंस पड़े और थाने जाकर सलीम को छुड़ाकर ले आए |

-स्वरचित

मधुलता श्रीवास


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