प्रमोद फिर से गुस्से में लाल पीला हो खाने के मेज से उठ गए हैं इतना तेज नमक डालने से बाज नहीं आती हो तुम। जानबूझकर डालती हो न .......ताकि मेरा हाई ब्लड प्रेशर बढ़े और हार्ट अटैक हो जाए।झल्लाहट और क्रोध में पैर पटकते ऑफिस निकल गए प्रमोद। मेरा मन भी खिन्न हो गया है कि कैसे सब्जी में ज्यादा नमक पड़ गया है जानती हूं कि कम नमक खाना है इनको । उच्च रक्तचाप के रोगी को चिकित्सक कम नमक का सेवन करने की सलाह देते हैं ताकि ब्लड प्रेशर काबू में रहे।
मैं अभी प्लेट समेट ही रही कि सासू माँ आ गई हैं , आओ बहू हमदोनों भी खा लेते हैं नहीं माँजी आप खा लीजिए न ,अरे आओ न भूखे पेट भजन भी नहीं होता ।
जाने दो न प्रमोद की बातों को , ऐसे ही करता आया है बचपन से ही । जब खाने का मन न हो तो बोलता कि ज्यादा नमक है तो ज्यादा तेल मसाला है । बचपन से ऐसे ही प्रारब्ध स्वभाव का है किसी बात को लेकर परेशान होगा?शाम तक ठीक हो जाएगा।
वाकई सब्जी में नमक तेज नहीं पड़ा था ?
शाम को हमदोनों सास बहू टहलने जाते हैं सोसाइटी के पार्क में चार चक्कर डालते हैं सब्जी दूध लेते हुए घर आते ।
आ गए बेटा ...... हाँ माँ।
प्रिया जरा कड़क चाय बना दो न ग्रीन लीफ वाली ।
प्रमोद को चाय पीने के क्रम में देखा कि कुछ परेशान सा लगे? कुछ तो बात है जो साल रहा है..... साॅरी जी सुबह के लिए।
नहीं प्रिया , माफी तो मुझे मांगनी चाहिए तुमसे । खामख्वाह तुम पर गरज उठता हूँ।
क्या बात है जी कहिए न
हमारा बेटा नया शगुफा छेड़ा है समाज से विपरीत है दरअसल विनोद कह रहा है कि वह ईसाई लड़की को पसंद करता है और उसी से शादी करेगा पर माँ मानेगी ही नहीं?
मान लो हमदोनों बेटा के खुशी की खातिर अपने हर्ष की तिलांजलि दे देते हैं पर हमारा ब्राह्मण समाज का क्या ? हमें कुजात छांट दिया जाएगा और तो और हमारे गाँव में थू थू हो जाएगी सो अलग ?
समझो कि हमें समाज में बायकट कर दिया जाएगा या तो बेटा का साथ दें हम या समाज की ।सुनते ही हतप्रभ हो सर पकड़कर बैठ गई मैं ...
हे प्रभु कोई तो राह दिखाओ।
समाज की परवाह क्या करना है बहू....
प्रत्यक्ष सासूमाँ सामने खड़ी हो दार्शनिक भाव से बोल रही हैं।
बेटा हमलोग अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी चूके हैं अब मेरे पोते की बारी है खुशी से उल्लासित होने की।
समाज की छोड़ो और बहू को लाने की तैयारी करो । देखो कितनी प्यारी बच्ची है एकदम बार्बी डाॅल। सासू माँ के मोबाइल के स्क्रीन पर गोरी चिट्टी बाॅब कट प्यारी सी लड़की अनिरुद्ध के साथ खड़ी है शालीनता ओढ़े हुए।
वाह माँ आप तो हमदोनों से चार कदम आगे निकल गई हैं अभी हम सकते में हैं कि क्या करें न करें और अनिरुद्ध के लिए आप डटकर खड़ी हैं फैसला भी सुना दीं ।
तो ठीक है देर किस बात की, चट मंगनी पट विवाह ।
अनिरुद्ध का वीडियो काॅल आता है दादी के पास मतलब दादी - पोता बहुत समय से गुल खिला रहे थे हमदोनों ही इस बात से अनभिज्ञ थे ? छुपे रूस्तम निकले दादी - पोता !
खैर मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी ।
मन के मरूभूमि में निर्मल जलधारा बह चली है।
-अंजू ओझा
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