जरूरत ।।
दिवाली की सफाई मै काफी सामान बेकार देख मीनल अपनी काम करने वाली रूपा से बोली ये सब सामान यहां से हटा देना अब इसकी जरूरत नहीं है घर मैं जगह खाली हो ।सामान देख रूपा की आंखों में चमक आ गई की अब उसके घर मैं जरूरत का कुछ सामान हो जायेगा कब से वो कुछ बर्तन ,बच्चे के लिए खिलौने कुर्सी की सोच रही थी और गद्दा देख तो उसको चैन की नींद याद आ गई कब से चटाई पर ही सो रही है ।वो सोच रही थी जरूरत मैं भी कितना फर्क है ।।
अंजना ठाकुर
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