मालती जी रसोई में खड़ी अपनी सासू मां के लिए सूप बना रही थी कि उनकी पड़ोसन कुसुम ने घर में प्रवेश किया ।आवाज सुनते ही मालती जी ने गैस बंद की और बाहर निकली तब तक कुसुम जी सोफे पर विराजमान हो चुकी थीं । मालती जी ने घड़ी की तरफ देखा शाम के 6:00 बज चुके थे। चलो अभी अम्मा को सूप देने में टाइम है, यह सोचते हुए वह भी वहीं बैठ गई हाल-चाल लेने देने के बाद कुसुम ने मालती जी से कहा - "परसों सुबह 5:00 बजे मंदिर से बसें हरिद्वार जा रही हैं, तू कह रही थी ना कि तेरा बड़ा दिल है गंगा स्नान का तो तुझे बताने आई हूं दो दिन का टूर है परसों जाना है 8 तारीख को 10 को वापसी है । मैं तो जा रही हूं तू भी चल साथ भी हो जाएगा और तेरा गंगा स्नान भी"। "नहीं भाभी जी, मैं कैसे जा सकती हूं..? अम्मा को किसके सहारे छोडूंगी..?" "क्यों सारा दिन के लिए तो तुमने नर्स रखी हुई है ना दो दिन वह रात में भी रुक जाएगी और फिर मदन भी तो है और तेरा बेटा बहू भी हैं तो फिर क्यों नहीं निकल सकती..?" कुसुम जी ने तनिक रोष से पूछा। "हां सही है पर ये भी दुकान से तो 9:00 बजे आते हैं बहू भी 7:00 बजे तक आती है और फिर नर्स तो सिर्फ देखभाल के लिए रखी है खाना पीना तो मैं ही देखती हूं तो फिर कौन करेगा.. सब.."? "अरे 80 साल की हो गई है तेरी सास । पता नहीं और कितना जीएगी आज है कल नहीं तो तू तो अपना बुढ़ापा सुधार ले।" "कैसी बात करती हो भाभी, अम्मा को जब इस उम्र में सहारे की, देखभाल की जरूरत है हमारी तो छोड़ दूं क्या उनको..? बहू भी अभी 6 महीने हुए हैं आई है इस घर में उसके सिर पर डाल दूं क्या सारी जिम्मेदारी और फिर उम्र चाहे जो भी हो इस घर की नींव तो अम्मा ही हैं न। मुझे 35 साल हो गए हैं उनके साथ रहते रहते जब मैं नौकरी करती थी, घर की सब जिम्मेदारियां से उन्होंने मुझे फ्री रखा था बच्चे उन्हीं के हाथों पले हैं, बड़े हुए हैं, मैं भी आराम से उनके भरोसे नौकरी करती रही हूं तो आज जब उन्हें हमारी जरूरत है तो मैं उन्हें छोड़कर हरिद्वार चली जाऊं गंगा नहाने, अपना परलोक सुधारने..? भाभी जी जब अम्मा खुश होकर रोज मेरे सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देती हैं तो मेरा परलोक तो सुधर ही जाता है और अगर अम्मा यहां खुश है, शांति से जी रही है तो मेरा तो रोज ही गंगा नहाना हो जाता है और फिर सुना है न आपने 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' बस मेरे लिए तो यही गंगा है। आप बैठो मैं चाय लाती हूं आपके लिए।" कहते हुए मालती जी कुसुम को अवाक छोड़ते हुए रसोई में घुस गईं।
शिप्पी नारंग
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