सतीश और मालती जी के दोनों बेटे जन्म से ही गूंगे थे लेकिन उनके बेटों में हुनर और आत्मविश्वास की कोई कमी न थी।
हम उम्र बच्चे उनकी खूब हंसीं उड़ाते। और उनके साथ खेलने को तैयार न होते जिसे देखकर मालती और सतीश अपनी किस्मत को कोसते कि भगवान ने हमारे बच्चों के साथ ऐसा क्यूं किया?
लेकिन फिर भी बच्चों के सामने हमेशा मजबूत बने रहते, एक बार अचानक कुछ महीनों के लिए मालती जी को बच्चों सहित गांव जाना पड़ा। गांव में पढ़ाई का नुक़सान न हो इसलिए बच्चों की ट्यूशन लगवा दी।
तब वहां ट्यूशन टीचर ने देखा कि दोनों बच्चे पेंटिंग बहुत अच्छी बनाते हैं। गांव के प्राकृतिक सौंदर्य को
उन्होंने कागज पर हूबहू उतार दिया था उनके हुनर को देख मास्टर जी ने उनकी पेंटिंग का वीडियो बना कर सोशल मीडिया यूं ट्यूब पर अपलोड कर दिया
कुछ ही दिनों में उनके वीडियो को मिलियन व्यूज मिले और दोनों बच्चों के इंटरव्यू के लिए दिन-रात पत्रकारों का तांता लगा रहता । 15 अगस्त को दोनों बेटों को उनकी पेंटिंग के लिए विशिष्ट पुरस्कार मिला मुख्यमंत्री जी स्वयं मालती और सतीश जी से मिले और दोनों बच्चों की पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्चा उठाने का आश्वासन दिया ,
मालती और सतीश जी को ऐसे होनहार बच्चों के मां बाप होने पर पर बहुत गुरूर था। दोनों भगवान का शुक्रिया अदा कर कह रहे थे कि आप जो भी करते हैं अच्छा करते हैं।
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