Priyanka Mukesh Patel
इस ब्लॉग पर आप दिल को छु जाने वाली कहानिया पढ़ेंगे
लखनऊ के एक कार शो-रूम में संध्या नाम की युवती ऑफिस के कोने में बैठी फाइलों में सिर झुकाए काम कर रही थी। गर्मी की दोपह…
रमेश का बचपन संघर्ष की धूल में बीता। गाँव के बाहरी हिस्से में मिट्टी और टीन की छत वाले छोटे से घर में वह अपने माता-पि…
राजीव और मीरा नोएडा की एक सोसाइटी में रहते थे — साफ-सुथरी गैलरियाँ, हर फ्लैट में झिलमिलाती रोशनी और हर दरवाज़े पर डिज…
रेखा रसोई में दोपहर का भोजन बना रही थी। गैस पर दाल पक रही थी और सामने कटी सब्ज़ियाँ रखी थीं। तभी दरवाज़े पर धीमी दस्त…
रवि जैसे ही ऑफिस से लौटा, उसके चेहरे पर ग़ुस्से की लकीरें साफ़ दिख रही थीं। कमरे में घुसते ही उसने ब्रीफ़केस मेज़ पर …
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